नीट परीक्षा 2024 विवाद कई मुद्दों के कारण सामने आया है। सबसे प्रमुख आरोप पेपर लीक का था, जिसे लेकर कई छात्रों ने परीक्षा केंद्रों के बाहर प्रदर्शन किया और बाद में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। यह विवाद तब और गहरा गया जब परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए। नतीजों में 67 उम्मीदवारों ने 720/720 अंक प्राप्त किए, जिसे कई छात्रों और अभिभावकों ने संदेहास्पद माना। इतनी बड़ी संख्या में पूर्ण अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की संख्या असामान्य थी, और इसने परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए।
इसके अलावा, परीक्षा की उत्तर कुंजी में भी गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया। कुछ प्रश्नों के दो सही उत्तर माने गए थे, जबकि नियमों के अनुसार केवल एक ही सही उत्तर होना चाहिए। इस मामले में भी कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। NTA ने पेपर लीक के आरोपों से इनकार किया और कहा कि परीक्षा निष्पक्ष तरीके से कराई गई थी। हालांकि, 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने पर विवाद हुआ, जिसके कारण इन छात्रों के परिणामों को रद्द कर पुनः परीक्षा कराने का फैसला लिया गया।
कई छात्रों ने परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उनका मानना था कि इतनी बड़ी संख्या में टॉप रैंकर्स का आना परीक्षा में गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। NTA ने 6 परीक्षा केंद्रों पर हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए एक समिति गठित की है, जिसके परिणामों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर पुनः परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बावजूद, यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है और छात्रों में नाराजगी बनी हुई है।